Tuesday, November 6, 2018

अब रेल के रास्ते जीएसटी में हो रही सेंधमारी, ऐसे हो रहा नुकसान - GST NEWS

अब रेल के रास्ते जीएसटी में हो रही सेंधमारी, ऐसे हो रहा नुकसान - GST NEWS

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। भारतीय रेलवे और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विभाग की कार्यशैली के कारण कारोबारी रेलवे के रास्ते अब जीएसटी में सेंधमारी कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति हो रही है। दोनों विभागों के बीच संवादहीनता का कारोबारी भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

ALSO LIKE OUR FACEBOOK PAGE: https://www.facebook.com/latestgstnews/

जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू हुआ तो माना जा रहा था कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से सबकुछ पारदर्शी होगा। हालांकि जीएसटी का सिस्टम दुरुस्त नहीं होने की वजह से ई-वे बिल लागू नहीं हो पाया था। इस वजह से विभाग को जुलाई से सितंबर, 2017 तक चेकिंग-इंस्पेक्शन की मनाही थी। इस बीच, कुछ कारोबारियों ने फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया।

इसका पर्दाफाश तब हुआ, जब इनपुट टैक्स क्रेडिट भुगतान का दावा किया गया। इसके बावजूद ई-वे बिल अप्रैल, 2018 से लागू हुआ, तो विभाग भी सक्रिय हो गया। सड़क पर धड़ाधड़ गाड़ियां पकड़ी जाने लगीं, जिनमें ई-वे बिल की अनियमितता थी। हैरानी की बात यह रही कि ऐसी गाड़ियों की संख्या भी दिनोंदिन कम होने लगीं, जिसमें ई-वे बिल की अनियमितता हो। अक्टूबर में ऐसी गाड़ियों की संख्या न्यूनतम स्थिति तक पहुंच गई।

ऐसे हो रहा नुकसान

जीएसटी विभाग यह मानकर चल रहा है कि शायद अधिकांश कारोबारी ई-वे बिल लेकर चलने लगे हैं। हकीकत में ऐसा नहीं है। कारोबारी ज्यादातर माल रेलवे के रास्ते ला रहे हैं। रेलवे का जीएसटी विभाग से समन्वय नहीं है। इस कारण उसे कारोबार की पूरी जानकारी नहीं मिल रही है। मांगने पर रेलवे का पार्सल विभाग चार्ट उपलब्ध कराता है, पर उसमें सिर्फ तारीख, बिल्टी नंबर और सामान का मूल्य लिखा होता है। माल मंगाने या भेजने वाले का नाम-पता या वस्तु का विवरण नहीं होता।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से भी इसकी पुष्टि हुई है। खुफिया जानकारी मिलने पर जीएसटी विभाग कभी-कभी रेलवे स्टेशन के पार्सल विभाग में छापेमारी कर अनियमितताओं को पकड़ता है। लेकिन सवाल है कि क्या हर दिन यह संभव है। एक अधिकारी की मानें तो विभाग को हर माह करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है।

उधर, जमशेदपुर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव अखिलेश दुबे कहते हैं कि पिछले दो-तीन माह से शहर में ट्रांसपोर्ट का कारोबार कम हो रहा है। अक्टूबर में करीब छह हजार टन माल का उठाव कम हुआ है। यह सूचना मिल रही है कि रेलवे से माल की सप्लाई बढ़ रही है।

'रेलवे पार्सल से अलग से कोई राजस्व प्राप्त नहीं होने के कारण पिछले एक वर्ष में इस मद में राजस्व का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।'

- संजय कुमार प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), झारखंड राज्य कर विभाग।

source:- .jagran

No comments:

Post a Comment

RFID/FasTag will search vehicles without E-Way Bill - GST NEWS

 RFID/FasTag will search vehicles without E-Way Bill - GST NEWS January  1, 2021, the  government has  built-in  RFID/FasTag with the e-way ...